डोनाल्ड ट्रंप का नया आदेश, अमेरिका की नागरिकता को लेकर किया बदलाव, जानें भारत पर इसका कितना असर 

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बात राष्ट्रपति बनने के साथ-साथ वह 47 वें राष्ट्रपति के रूप में पद संभाला है, जिसके बाद से उन्होंने देश और विदेश के लिए कई बड़े फैसले लिए गए हैं। जिसके बाद पूरी दुनिया में इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है। 

Donald Trump Birthright Citizenship 

अमेरिका के दूसरी बार राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा कई फैसले जिसमें से अवैध प्रवासियों को रोकने के लिए सख्त होने के साथ-साथ अमेरिका में जन्म के आधार पर मिलने वाली नागरिकता को खत्म करने का भी आदेश जारी किया गया।

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बता दें कि अमेरिका देश में बने कानून के अनुसार वहां पर जो भी शख्स जन्म लेने वाला होता है उनको अमेरिकी नागरिक माना जाता है। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा किए गए इस फैसले के बाद से वहां पर अब ऐसा नहीं होगा।

Donald Trump Birthright Citizenship: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा किए गए इस फैसले के बाद से कनाडा मेक्सिको और अन्य देश के अलावा भारत पर भी देखा जा सकता है। क्योंकि हर वर्ष हजारों की संख्या में भारतीयों को अमेरिका रहने वाली लोगों को नागरिकता प्राप्त होती है, लेकिन अब इस फैसले के बाद से यह कठिन हो जाएगा।

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बता दें कि सोमवार 20 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से Birthright citizenship के अधिकार को चेंज करने का आदेश पर दस्तखत किया गया। इस आदेश में ट्रंप के द्वारा कहा गया है कि अमेरिका आपसे 30 दिन बाद जन्म देने वाले बच्चों को लेकर यह आदेश लागू हुआ है।

भारतीय नागरिक लाखों की संख्या में अमेरिका में H-1B वीजा व ग्रीन कार्ड हासिल करने के लिए कतार में रहते हैं। जिसके बाद जन्म लेने वाले बच्चों के जन्म होने के बाद अमेरिका की नागरिकता मिल जाता है।

वहीं अब ट्रंप प्रशासन के द्वारा नए आदेश के बाद ऐसा होना कठिन होगा क्योंकि अमेरिकी प्रशासन की ओर से कई नई शर्तों के साथ बच्चों को नागरिकता मिलेगी। जिनका पूरा करना काफी कठिन है। वहीं इसके अलावा ट्रंप के द्वारा इस आदेश को अमेरिकी अदालतों में भी चुनौती मिलने की तैयारी शुरू हो रही है।

जन्म के आधार पर नागरिकता को लेकर अमेरिकी कानून

बता दें कि अमेरिका देश में सबको बराबरी का अधिकार देने के उद्देश्य से संविधान संशोधन 1968 में लागू किया गया जिसमें अमेरिकी संविधान 41 वें संशोधन के अनुसार जन्म के आधार पर नागरिकता देने का प्रावधान किया गया। यानी कि अमेरिका में जन्म लेने वाला बच्चा अमेरिका का नागरिक बन जाता है। चाहे उसके माता-पिता किसी भी देश की नागरिकता रखते हैं।

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अमेरिका में अवैध प्रवासियों घुसपैठ का मुद्दा राजनीति दलों के द्वारा लगातार उठाया जाता रहा है। मुख्य रूप से ट्रंप इसके सख्त खिलाफ देखे गए हैं और उन्होंने राष्ट्रपति शपथ के बाद कानून बदलने के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है।

कौन कौन सी शर्तों को पूरा करना आवश्यक 

बता दे की डोनाल्ड ट्रंप की ओर से नए आदेश में अब वहां पर जन्मे बच्चे को नागरिकता के लिए कुछ शर्तों का पालन करना होगा। वहीं इससे पहले अमेरिका में जन्मे बच्चे को उनके नागरिकता मिल जाती थी लेकिन अब यह आदेश के अनुसार जन्म के साथ ही बच्चों के किसी भी माता या पिता में से एक अमेरिका का नागरिक होना आवश्यक है। इसके अलावा उनमें से किसी एक के पास ग्रीन कार्ड जरूरी होगा या फिर किसी एक का अमेरिकी सेना में होना भी जरूरी होगा।

अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के मुताबिक इस नए आदेश ‘बर्थ टूरिज्म’ व अवैध प्रवासियों की रोकथाम की दिशा में एक बड़ा कदम होने वाला है। उनके मुताबिक नागरिकता लेने के उद्देश्य से प्रवासी अमेरिका में अपने बच्चों का जन्म देते हैं। इसके बाद उन्हें वहां की नागरिकता मिल जाती है।

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नया फैसला से भारतीयों पर कितना होगा असर 

बता दें कि अमेरिकी सरकार के आंकड़ों के माने तो बीते वर्ष के दौरान अमेरिका में नागरिकता भारतीयों को तकरीबन 50000 मिला है। और अमेरिका में भारतीय समुदाय की लगातार वृद्धि हो रही है। और वहां पर बीते कुछ वर्षों में 48 लाख से भी अधिक भारतीय अमेरिकी समुदाय के कई बच्चों को कानून के चलते नागरिकता प्राप्त हुई है।

क्या अदालतें हस्तक्षेप कर सकती हैं?

अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा नागरिकता को लेकर एक्जिस्टिव ऑर्डर को लेकर अमेरिका की अदालतों में चुनौती को लेकर तैयारियां की जा रही है। बता दें कि अमेरिकी सिविल राइट्स ग्रुप के लोगों के मुताबिक संवैधानिक संशोधन एग्जीक्यूटिव ऑर्डर से नहीं बदला जा सकता है। जिसको लेकर कोर्ट को इस पर दखल देना चाहिए। ट्रक की ओर से किए फैसले तब तक सर्वमान्य होगा जब तक कोर्ट संज्ञान नहीं देता।

भारत में नागरिकता का कानून क्या है 

हमारे देश भारत में नागरिकता को लेकर कानून बनाया गया है। भारत में भी नागरिकता का जन्म के आधार पर प्राप्त होती है। बता दें कि भारतीय कानून के अनुसार 26 जनवरी 1950 के बाद जन्म लेने वाले बच्चे जो 1 जुलाई 1987 के बीच जन्म हुआ है उनको भारतीय नागरिक माना गया। और इस समय के दौरान बच्चों के माता-पिता किसी भी नागरिकता उनको भारतीय नागरिक कहलायेंगे। लेकिन इसके बाद 1 जुलाई 1987 से लेकर 2 दिसंबर 2004 के बीच में जन्म लेने वाले बच्चों के माता-पिता में से कोई भी एक भारतीय नागरिक होना जरूरी है।

वहीं भारत में 3 दिसंबर 2004 के बाद से जन्म लेने वाले किसी भी बच्चों के माता-पिता दोनों का भारतीय होना आवश्यक या फिर इसके अलावा कोई एक भारतीय नागरिक व दूसरा अवैध प्रवासी नहीं होना चाहिए। 

 

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