देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों के द्वारा हर वर्ष की तरह मकर संक्रांति के पर्व पर तैयारी कर रहे हैं। ऐसे Makar Sankranti 2025 में अबकी बार मकर संक्रांति का त्यौहार पौष माह के समाप्त होने के साथ ही 1 दिन बाद मनाया जाएगा। आज 13 जनवरी 2025 सोमवार को पौष पूर्णिमा का दिन है। और 14 जनवरी 2025 यानी कल मंगलवार मकर संक्रांति का दिन होगा।
मकर संक्रांति का दिनांक ओर समय | Makar Sankranti 2025
बता दें कि इस साल उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ भी आरंभ हो गया है। और यह आज 13 जनवरी 2025 सोमवार के दिन पौष पूर्णिमा महाकुंभ का आरंभ हुआ है।
और जिसके अगले दिन कल मकर संक्रांति के दिन पर पहला शाही स्नान होगा। जिसमें देश व विदेश से गृहस्ती जीवन में रहने वाले लोग के अलावा सभी साधु संत मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों जैसे नर्मदा, गंगा, त्रिवेणी, यमुना व शिप्रा और इसके अलावा अन्य पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है और पुण्य का लाभ प्राप्त करते हैं।
मकर संक्रांति का त्यौहार हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व रखता है। और यह त्यौहार हर वर्ष पौष महीने में मनाया जाता है। वही इस वर्ष संक्रांति का त्योहार पौष माह के समाप्त होने के बाद मनाया जा रही है।
बता दें कि हिंदू पंचांग की माने तो सूर्य देव धनु राशि में से मकर राशि में प्रवेश करेंगे जिसको मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है।
मकर संक्रांति को उत्तरायण क्यों कहते हैं?
इस मकर संक्रांति के त्यौहार को बिहार व उत्तर प्रदेश में मानने वाले खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है। सूर्य देव मकर संक्रांति पर दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं। जिसके चलते इसे उत्तरायण पर्व भी कहा जाता है।
लोगों के द्वारा मकर संक्रांति के इस त्यौहार के मौके पर गंगा स्नान और सूर्य देव की विशेष पूजा करने का महत्व होता है और इस दिन लोगों के द्वारा दान करने का भी विशेष स्थान रहता है।
ऐसे में इस बार मकर संक्रांति 2025 के इस त्यौहार का क्या महत्व है और इस मकर संक्रांति पर पूजा की क्या विधि है। स्नान का शुभ मुहूर्त को लेकर आई जानते हैं पूरी जानकारी विस्तार में….
2025 में मकर संक्रांति कब से है
बता दें कि हिंदू पंचांग में दी गई जानकारी में इस बार 14 जनवरी 2025 मंगलवार के दिन सुबह 9:03 सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि प्रवेश करने पर 14 जनवरी 2025 से मकर संक्रांति को मनाया जाएगा।
2025 मकर संक्रांति का पुण्य काल कब तक है
इस बार मकर संक्रांति 14 जनवरी 2025 के दिन पुण्य काल मुहूर्त का समय के सुबह 08 बजकर 40 मिनट आरंभ होगा जो कि 12 बजकर 40 मिनट दोपहर तक होगा। बता दें कि इस पुण्य काल के मुहूर्त के दौरान गंगा स्नान करने व दान करने का विशेष महत्व होता है।
मकर संक्रांति 2025 महापुण्य काल मुहूर्त
प्राप्त जानकारी के अनुसार अबकी बार महापुण्य काल मुहूर्त मकर संक्रांति के दिन सुबह 8:40 से लेकर 9:04 तक होगा।
मकर संक्रांति 2025 में स्नान दान मुहूर्त
बता दे कि अबकी बार मकर संक्रांति के पर्व पर हर बार की तरह स्नान करने का विशेष महत्व रहता है। मकर संक्रांति के पर्व पर गंगा स्नान या दान के बिना पूरा लाभ प्राप्त नहीं होता।
मकर संक्रांति के मौके पर स्नान सुबह-सुबह करने का विशेष महत्व जिसके लिए लोगों के द्वारा 14 जनवरी 2025 को गंगा स्नान कर सकते हैं। जिसके लिए सुबह के 9:03 से जो की सुबह के 10:48 तक शुभ मुहूर्त होगा।
इस दौरान जो भी स्नान मकर संक्रांति के दिन करते हैं। और सूर्य देव को जल अर्पित के साथ-साथ तिल का दान करते हैं तो उसको विशेष पुण्य के फल की प्राप्ति होती है।।
मकर संक्रांति पूजा कैसे करें
हमारे देश या फिर दूसरे देशों में रहने वाले हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों को मकर संक्रांति का पर्व विशेष महत्व और इस दिन देश भर में अलग-अलग स्थान पर अलग-अलग नाम से पुकारा जाता है।
मकर संक्रांति के पर्व हिंदू धर्म में सूर्य देव की पूरी विधि विधान के साथ पूजा किया जाता है। जिसके लिए मकर संक्रांति के मौके पर सुबह जल्दी उठना चाहिए और घर में साफ सफाई करना चाहिए। घर के पास किसी भी नजदीकी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए और स्नान पूरा होने के बाद सूर्य देव की पूजा करें। इस दौरान सूर्य देव की पूजा उनसे जुड़े हुए मंत्रों का जाप करते हुए पूजा व दान करना चाहिए।
प्रयागराज के त्रिवेणी में मकर संक्रांति पर स्नान का महत्व
आपने अक्सर कुंभ मेले के बारे में सुना होगा और अबकी बार महाकुंभ उत्तर प्रदेश राज्य के प्रयागराज में किया जा रहा है। जिसमें करोड़ों की संख्या में लोगों के द्वारा पूजा व स्नान किया जाएगा।
बताने की सूर्य के द्वारा मकर राशि में प्रवेश करने के इस समय के दौरान साधु संतों, गृहस्थ जीवन में रहने वाले लोग, संगमतट त्रिवेणी में स्नान व दान पूजा पाठ करते हैं। यूपी के प्रयागराज में कुंभ मेला जिसमें मकर संक्रांति के इस दिन को पवित्र माना गया है। जहां पर मान्यता है कि व्यक्ति की ओर से इस दिन इस संगम में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते है और उसकी आत्मा शुद्ध हो जाता है।